Friday, December 20, 2013

जगंलों में ही तो रहते है।

बेंगलूर 22 नवम्बर 2013 दिन शुक्रवार मार्ग शीर्ष कृस्न पक्ष पंचमी सवत २०७०
स्थल ;-सी 902 नागर्जुन। महादेवपुरा
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"आदि -मानव जंगलों में रहता आया था।
हम आज भी तो जंगलों में ही रहते है।
वे रहते थे ,हरे -भरे जंगलो में,
हाँ,हम रहते है।
कंक्रीट के जंगलों में।

उन्हें मिलते था,मुफ्त हवा,पानी और फल। .
हम भुगतान करते है,
सभी सुविधाओ का,
कुछ का तो न ही है कोई हल।

वे रहते थे आपस में,
मिल -जुल।
अब नही है समय,
अपनों के लिए भी
पल दो पल 

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