ख़ास बने आम
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ख़ास बने आम,जुड़ गये,
आम आदमी पार्टी,"झाड़ू "के साथ।
रुतबा छोड़ा,छोड़ी शान शौक़त,
बनेंगे गरीबों के नाथ।
अजब हवा बही,
कुम्हलाया"कमल ,झ़ुक गया है "हाथ,
सभ्भल कर चलो "आप"
दुश्मन लगाये बैठा है घात।
रहो होशियार आने वालों से,
कर न दे कहीं विश्वासघात।
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ख़ास बने आम,जुड़ गये,
आम आदमी पार्टी,"झाड़ू "के साथ।
रुतबा छोड़ा,छोड़ी शान शौक़त,
बनेंगे गरीबों के नाथ।
अजब हवा बही,
कुम्हलाया"कमल ,झ़ुक गया है "हाथ,
सभ्भल कर चलो "आप"
दुश्मन लगाये बैठा है घात।
रहो होशियार आने वालों से,
कर न दे कहीं विश्वासघात।
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