Wednesday, July 16, 2014

पहली बार : अशोक आजमी की नयी कविता 'लाल बहादुर वर्मा'



पहली बार : अशोक आजमी की नयी कविता 'लाल बहादुर वर्मा'   के विषय  में  विचार



         यह  सत्य  है  कि  कोई  अजर  अमर  नहीं  होता         जब  तलक  सांस  अटकी  है  तभी तक आश  भटकी  है
          उनके  किये  काम ज़मा
ने  में  याद  किये  जाएंगे
          उनकी  काया  तो नश्वर है ,बाद में फूक  दिये  जायेंगे। .



No comments:

Post a Comment