ऐ मेरे देश की युवतियों *********
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ऐ मेरे देश की युवतियों,
आबरू ढकने के दुप्पटो को,
क्रान्ति का झण्डा बना लो तुम।
झपटने को कोई दुःशासन करे,
दुस्साहस तो,
सैण्डिलो व मिर्च को,
अपना हथियार बना लो तुम।
हमेशा याद रखो कि तुम,
अबला नही हो,
रूप दुर्गा का धर,
शीश धड़ से उड़ा दो तुम।
कानून के छिद्रों से,
अपराधी प्राय :छूट जाते है,
छूटने के पहले ही उसे,
दफ़न कर डालो तुम।
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