Wednesday, August 6, 2014

विलम्ब से मिला न्याय -- न्याय नही है !***********

                         विलम्ब  से  मिला  न्याय -- न्याय  नही  है !***********
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हमारे  देश की  ससंद में पाँच सौ तेतालिस सासंद  है। इनमे से तिरेपन सासंदों के ख़िलाफ़ क्रिमिनल केस  तय हो चुके है। यानिकी दस प्रतिशत जन प्रतिनिधि  आरोपित  है। "दागी सांसदों और विधायको  के केस एक वर्ष के भीतर निपटाने की पहल  होनी चाहिये ---सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट बनाने की मांग करेंगी "..यह बयान मोदी जी के चुनावी भाषणों व ससंद में दिए बयान में उठाया गया है। 

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने  कहा कि "समस्या का हल केवल किसी एक वर्ग के केस फ़ास्ट ट्रैक करने से नही निकलेगा। इससे बाक़ी मामलों पर असर पडेगा। पूरी आपराधिक न्याय व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। "
बात अपने आप में शत -प्रतिशत सही है। हमारी न्याय -व्यवस्था  में न्याय समय से नही मिल पाता है। -----
मिलती है केवल तारीखें। सिविल के मुकदमें पुस्त दर पुस्त तक चलते रहते है। आपराधिक मुक़दमों में कभी -कभी निर्दोष फ़स कर अपनी जिन्दगी का एक लम्बा हिस्सा हवालातो में गुजार देते है। वहीं दूसरी तरफ अपराधियो को इस लम्बी थकाऊ व्यवस्था से सन्देह का लाभ मिल जाता है। गवाह आदि की भी मौत हो जाया करती है अथवा बहकाये जाने का पूरा अवसर मिल जाता है। इससे अपराधी मुक्त हो जाया करते है।
समाज में न्याय प्रक्रिय विश्वास उठ जाने के फलस्वरूप लोग हतोसाहित  हो जाते है। अपराधी -अपराध कर चैन कीवंशी  बजाते है। मन में उनके भय समाप्त हो जाता।है।

जन -प्रतिनिधियों  के ख़िलाफ़ चल रहे मामलोँ में भी एक चुनाव के बाद दूसरा चुनाव आ जाता है पर फ़ैसला नही हो पता है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के संसद में बयान के अनुसार  तीन करोड़ तेरह लाख केस देश की अदालतों में लम्बित है। तिरेसठ हज़ार आठ सौ तेतालिस मामले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे है। चवालीस लाख बासठ हज़ार मुकदमें देश के चौबीस हाई कोर्ट में लड़े जा रहे है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पच्चीस लाख केस पेन्डिंग है। अब यह अन्दाज लगाना कठिन नही होगा कि मौजूदा ढांचे में फैसले कब तक आयेंगे।

कहावत है कि "विलम्ब से मिला न्याय -----न्याय  नही है। अब यदि मोदी सरकार इसमें मूलभूत बदलाव लाना चाहती है तो राज्य सरकारों के साथ मिलकर और अधिक न्यायालय व कर्मचारी तथा अन्य व्यवस्थाओ को अति शीघ्र करना चाहिये ताकि देश के नागरिको को त्वरित न्याय  प्राप्त हो सके। तभी इस समस्या का निपटारा हो सकेगा। 

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