Wednesday, August 6, 2014

धधकती चिताएं ************

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धधकती  चिताएं,
नव -विवाहितो की पूछती जग से,
दहेज़ का ज़ालिम दानवी  मुँख,
कब तक बन्द  होगा।

कई नव -विवाहिते गुजर गयी,
जीने की हसरतें लिये,
उनके जीने की राह का,
बन्दोबस्त  कब  होगा।

दहेज़ की मांग को लेकर,
प्रतिदिन सतायी जाती है क्यों ?
लालची इन्सानो की,
हवस का अन्त कब  होगा।

नाग -पंचमी  के दिन,
गुड़ियों को पीटा जाता है क्यों ?
आदम जमाने से चला आ रहा,
चलन कब बन्द  होगा।


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