आँखो --आँखो में बात होती है ***********
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हाथ बढ़ा कर, हाथ मोहब्त का थाम लो तुम।
दिलवालो मत हो हताश,परेशान न हो गुम सुम।
प्यार में अपने आप सब कुछ समझ आता है।
प्यार अपने आप को दिल से दिल में समझा है।
एक दूसरे को कुछ बताने की जरूरत नही होती।
सब कुछ सामन्य होता आँखो -आँखो में बातहोती।
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हाथ बढ़ा कर, हाथ मोहब्त का थाम लो तुम।
दिलवालो मत हो हताश,परेशान न हो गुम सुम।
प्यार में अपने आप सब कुछ समझ आता है।
प्यार अपने आप को दिल से दिल में समझा है।
एक दूसरे को कुछ बताने की जरूरत नही होती।
सब कुछ सामन्य होता आँखो -आँखो में बातहोती।
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