देश की जनता ने ***************
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देश की जनता ने भा ० जा ० पा ० को,
दिया सकेँत साफ -साफ।
गर सरकार ने की वादा -खिलाफी
तो न करगे माफ़ -वाफ।
सौ दिनों में पर कोई करिश्मा ,
न कर सके हो तुम।
सूद सहित लौटने को क हा था।
मूल भी न पा सके है हम।
महगाई भरस्टाचार गरीबी
कुछ भी नही हुई है कम।
आपस में लड़ाने का भी प्रयास
कुछ नही किया है कम।
तुम्हारे वादों पर समर्थन दिया
है छप्पर फ़ाड़।
अब भी नही सुधरे तो
वापस लेंगे हण्टर मार्।
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देश की जनता ने भा ० जा ० पा ० को,
दिया सकेँत साफ -साफ।
गर सरकार ने की वादा -खिलाफी
तो न करगे माफ़ -वाफ।
सौ दिनों में पर कोई करिश्मा ,
न कर सके हो तुम।
सूद सहित लौटने को क हा था।
मूल भी न पा सके है हम।
महगाई भरस्टाचार गरीबी
कुछ भी नही हुई है कम।
आपस में लड़ाने का भी प्रयास
कुछ नही किया है कम।
तुम्हारे वादों पर समर्थन दिया
है छप्पर फ़ाड़।
अब भी नही सुधरे तो
वापस लेंगे हण्टर मार्।
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