ई ० वी ० एम० मशीनों से आयी आवाज ************
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इ ० वी ० एम ० मशीनों से आयी आवज़,
हमे नफ़रत नहीं विकास चाहिये।
हमें "लव -जिहाद " से मतलब नहीं ,
हमे आपस में प्यार चाहिये।
मन्दिरो में लाऊड -स्पीकर नहीं,
दिल मिले ऐसी आवाज चाहिये।
मन्दिर -मसजिद में मत उलझाव हमे,
दो रोटी का सकून चाहिये।
रहेगी सुरझित हमरी माँ बहिने,
इस बात का इतिमिनानं चाहिये।
सर छिपा सके मुसीबत में हमे
हो चाहे छप्पर का मकान चाहिये।
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इ ० वी ० एम ० मशीनों से आयी आवज़,
हमे नफ़रत नहीं विकास चाहिये।
हमें "लव -जिहाद " से मतलब नहीं ,
हमे आपस में प्यार चाहिये।
मन्दिरो में लाऊड -स्पीकर नहीं,
दिल मिले ऐसी आवाज चाहिये।
मन्दिर -मसजिद में मत उलझाव हमे,
दो रोटी का सकून चाहिये।
रहेगी सुरझित हमरी माँ बहिने,
इस बात का इतिमिनानं चाहिये।
सर छिपा सके मुसीबत में हमे
हो चाहे छप्पर का मकान चाहिये।
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