Saturday, July 25, 2015

“योग  तन –मन  को स्वस्थ  रखने की एक  वैझानिक  विधा  है \ योग  किसी  धर्म  से  नहीं  जुड़ा है \यह एक  जीवन जीने  का  तरीका  है \ सूर्य – नमस्कार  एक आसन  है \ इस आसन  में  शरीर के विभिन्न अंगो  के लाभकारी  योग मुद्राये शामिल  है \ तो  फिर क्यों  विरोध \कैसा  विरोध \ नमाज अदा करते  समय में  भी जब विभिन्न  आसनों का प्रयोग  करते है \ तो खुदा  की इबादत  के साथ व्यायाम भी  होता  है \ हम सभी  को सभी धर्मो की भावनाओ  का आदर करना चाहिए \हमे दुराग्रह कर किसी अच्छी  बात  का  विरोध  नहीं करना  चाहिए \ न  किसी  का  अनुचित  विरोध  सहन करना  चाहिए |”--------------------------------------------दिनेश 

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